तो ब्लौग-जगत की सारी परेशानी का स्त्रोत सामने आया है। बहुत पुरानी कहावत है मगर लोग अक्सर भूल जाते है - की खोदा पहाड़ तो निकली चुहिया! हा! चलिये अब हम सब हसतेँ है|
और मैँ हिन्दी कैसे लिख रहा हूँ? यहाँ क्लिक किजिये तो सब मालूम चल जायेगा। And before you the GO, please to read this lovely poem by Maithili Sharan Gupt.
Posted by Anonymous on Thursday, July 20, 2006 at 3:42 AM |Permalink